अमीर, ग़रीब और कचरा [The Rich, the Poor and the Trash] | DW Documentary हिन्दी HD

26.01.2022
17.11.2018 - कूड़ा हमारे दौर की पहचान है. हम जितना कूड़ा पैदा करते हैं और उसके साथ जिस तरह से पेश आते हैं, वह एक ओर हमारे उपभोग और हमारी तरक़्क़ी के बारे में बताता है, लेकिन साथ ही समाज में फैली असमानता के स्तर को भी बताता है. अमीर तबका, ग़रीब तबके से ज्यादा खपत करता है और कूड़ा भी ज़्यादा पैदा करता है. लेकिन जिसे कुछ लोग फेंक देते हैं, वही कुछ लोगों के लिए जीने का सहारा है. नाओमी फिलिप्स और थॉमस हाज़ेल की ये डॉक्यूमेंट्री – अमीर, ग़रीब और कचरा, कचरे का उपयोग करने वाले और उसके सहारे जीने वाले, दोनों लोगों की ज़िंदगियों को सामने रखती है. 28 साल का नौजवान गॉडविन ओचियेंग केन्या की राजधानी के पास डैन्डोरा बस्ती में रहता है, जो अफ्रीका के सबसे बड़े कचरे के ढेर के पास स्थित है. वह शहर के अमीर इलाकों से बड़े-बड़े ट्रकों में लाकर यहां फेंके जाने वाले कचरे के ढेर में से रोज़ सामान बीनता है, ताकि कुछ बेच सके. उसके लिए ये कचरे का ढेर ही जीवनरेखा है. उधर दुनिया के दूसरे कोने में स्थित और दुनिया के सबसे अमीर और महंगे शहरों में से एक, न्यूयॉर्क में रहने वाले पीयर सिमंस सड़कों पर घूमकर कैन्स इकट्ठा करते हैं ताकि वो रीसाइकल कंपनियों को बेच सकें. यह दोनों लोग ऐसे देशों में रहते हैं जहां अमीरी और ग़रीबी के बीच का अंतर बहुत ज़्यादा है. लेकिन केन्या और अमेरिका के बीच का सामाजिक अंतर भी काफ़ी अधिक है. अर्थशास्त्री लुकस चैंसल और केट रेवर्थ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस गंभीर असमानता के भयंकर परिणामों के बारे में आगाह कर रहे हैं. उनका मानना है कि इससे पश्चिम की पूरी नैतिक व्यवस्था, लोकतंत्र को लेकर हमारी समझ और आख़िरकार हमारी अर्थव्यवस्था को बड़ा खत़रा है. #DWDocumentaryहिन्दी #DWहिन्दी #कचरा ------------------------------------------------ अगर आपको वीडियो पसंद आया और आगे भी ऐसी दिलचस्प वीडियो देखना चाहते हैं तो हमें सब्सक्राइब करना मत भूलिए. विज्ञान, तकनीक, सेहत और पर्यावरण से जुड़े वीडियो देखने के लिए हमारे चैनल DW हिन्दी को फॉलो करे: https://www.youtube.com/dwhindi और डॉयचे वेले की सोशल मीडिया नेटिकेट नीतियों को यहां पढ़ें: https://p.dw.com/p/MF1G

Похожие видео